पीएम विश्वकर्मा योजना (PMVY) भारत सरकार द्वारा चलाया जाए महत्वपूर्ण केंद्रीय योजनाओं में से एक है जिसके अंतर्गतपारंपरिक कार्यक्रम और शिल्पकारों को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान की जाती है। PM Vishwakarma Yojana के तहत लाभार्थी को 40 घंटे की बेसिक ट्रेनिंग, ₹15000 का टूलकिट, 5% की व्याज दर पर लोन, मार्केटिंग स्पोर्ट इत्यादि दिया जाता है।
इस योजना की मदद से भारत सरकार के द्वारा उन सभी पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को आगे बढ़ने में मदद की जाती है जो कि अपने काम को आगे बढ़ाना चाहते हैं। ताकि वह अपने काम को आगे बढ़ाएं और बाकी लोगों को भी रोजगार प्रदान करें। अगर वह ऐसा करने में कामयाब होते हैं तो इससे देश की बढ़ती अर्थव्यवस्था में उनका एक अहम योगदान होगा।
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इस वेबसाइट की मदद से आप जान पाएंगे की पीएम विश्वकर्मा योजना में किस तरीके से आवेदन करना है, इसके क्या-क्या फायदे हो सकते हैं और कौन-कौन से लोग हैं इस योजना का लाभ ले सकते हैं या फिर यूं के हैं कि कौन-कौन से लोग ऐसे हैं जो कि इस योजना के लिए अपना आवेदन दे सकते हैं। साथी इस वेबसाइट की मदद से आप यह भी जान पाएंगे कि किस तरीके से आप अपने आवेदन का स्टेटस जान सकते हैं।
PM Vishwakarma Yojana Online - पीएम विश्वकर्मा योजना आवेदन प्रक्रिया
अगर आप पारम्परिक कारीगर या शिल्पकार है और चाहते हैं की आपको केंद्र सरकार द्वारा चलाये जा रहे PM Vishwakarma Yojana (PMVY) के तहत दिए जाने वाले सभी फैसिलिटी का लाभ मिले तो इसके लिए सबसे पहले जरूरी है कि आपको पीएम विश्वकर्मा योयोजना के लिए आवेदन करना होगा। आवेदन करने के लिए सबसे पहले आपको पीएम विश्वकर्मा योजना की वेबसाइट पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन करना होगा, लेकिन बहुत से लोग इस योजना का फायदा तो लेना चाहते हैं लेकिन किस तरीके से वह यहां पर आवेदन कर सकते हैं या फिर यूँ कहें की किस तरीके से अपना रजिस्ट्रेशन PM Vishwakarma Yojana के लिए करवा सकते हैं? बहुत से लोग गूगल पर या यूट्यूब पर यह सर्च करते रहते हैं कि पीएम विश्वकर्मा रजिस्ट्रेशन कैसे करें? या फिर प्रधानमंत्री विश्वकर्म योजना के लिए अपना रजिस्ट्रेशन कैसे करवाए? लेकिन उन्हें कोई भी अच्छे से जानकारी नहीं मिला पता है, जिसकी वजह से वह इस योजना का लाभ लेने से वंचित रह जाते है। लेकिन आज के इस पोस्ट में मैं पूरे डिटेल के साथ स्टेप बाई स्टेप गाइड की तरह बताया है कि किस तरीके से आप पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं या फिर यूं कहें की अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं!
निचे बताये गए सभी स्टेप्स को अच्छे से फॉलो करें , ताकि आप सफलतापूर्वक इस योजना के लिए आवेदन कर सकें और इसका लाभ ले सकें।
- वेबसाइट https://pmvishwakarma.gov.in/ खोलें और ऊपर दिए गए “Login” ड्रॉपडाउन पर क्लिक करें।
- Login ड्रॉपडाउन से “CSC- View E-Shram Data” विकल्प चुनें ताकि PM Vishwakarma में रजिस्ट्रेशन हेतु उपलब्ध E-Shram डेटा देखा जा सके।
- अपना CSC उपयोगकर्ता नाम और पासवर्ड दर्ज करके लॉगिन करें।
- CSC उपयोगकर्ता E-Shram में पंजीकृत आवेदकों का विवरण देख सकते हैं और उनसे संपर्क करके उन्हें PM Vishwakarma में पंजीकृत कर सकते हैं।
- कारीगरों को PM Vishwakarma में पंजीकृत करने के लिए Login ड्रॉपडाउन से “CSC- Register Artisans” विकल्प चुनें।
- आवश्यक होने पर फिर से CSC उपयोगकर्ता नाम और पासवर्ड से लॉगिन करें।
- “क्या आपके परिवार में कोई सरकारी कर्मचारी है?” में ‘No’ चुनें तथा “क्या आपने किसी समान केंद्रीय/राज्य सरकारी योजना जैसे PMEGP, PM SVANidhi, Mudra आदि से ऋण लिया है या बकाया है?” में भी ‘No’ चुनें और Continue पर क्लिक करें।
- अपना मोबाइल नंबर और अपना आधार नंबर डालें। कैप्चा दाएं और बॉक्स पर क्लिक करने के बाद Continue पर क्लिक करें।
- कारीगर का आधार से लिंक मोबाइल नंबर दर्ज करें, आधार नंबर डालें, OTP बटन पर क्लिक करें और प्राप्त OTP को सत्यापित करें। उसके बाद बायोमेट्रिक के माध्यम से आधार प्रमाणीकरण करें।
- रजिस्ट्रेशन फॉर्म में व्यक्तिगत विवरण भरें। नाम, पिता/पति/पत्नी का नाम, जन्म तिथि और लिंग आधार से स्वतः भर जाएंगे। वैवाहिक स्थिति, श्रेणी (Gen/SC/ST/OBC), दिव्यांगता (यदि लागू), वर्तमान राज्य में व्यवसाय की स्थिति, और अल्पसंख्यक श्रेणी (यदि लागू) चुनें।
- Contact Details में मोबाइल नंबर और आधार नंबर स्वतः भर जाएंगे। यदि PAN कार्ड उपलब्ध है तो उसका नंबर दर्ज करें।
- यदि राशन कार्ड आधार से लिंक है तो राशन कार्ड नंबर और परिवार का विवरण स्वतः दिख जाएगा। यदि लिंक नहीं है तो राशन कार्ड नंबर दर्ज कर विवरण प्राप्त करें, और यदि राशन कार्ड नहीं है तो परिवार का विवरण मैन्युअली भरें।
- Aadhaar Address सेक्शन में आधार का पता, राज्य, जिला और पिनकोड स्वतः भर जाएंगे। यदि वर्तमान पता आधार वाले पते जैसा है तो “Same as Aadhaar Address” चुनें। ग्रामीण क्षेत्र होने पर ब्लॉक और ग्राम पंचायत चुनें, और शहरी क्षेत्र होने पर ULB का नाम चुनें।
- यदि वर्तमान पता आधार के पते से अलग है तो “Other” चुनें और यह बताएँ कि पता ग्राम पंचायत में आता है या नहीं, तथा वर्तमान पता दर्ज करें।
- व्यवसाय/हुनर (Profession/Trade) चुनें। यह भी घोषित करें कि यह पारिवारिक परंपरा (Guru–Shishya Tradition) से सीखा गया है। व्यवसाय का पता चुनें—आधार वाला, वर्तमान वाला या फिर भिन्न होने पर नया पता दर्ज करें।
- बैंक विवरण भरें। खाता धारक का नाम चुनें, IFSC कोड दर्ज करें, बैंक शाखा चुनें, बैंक खाता संख्या भरें और पुनः वही संख्या दर्ज करके पुष्टि करें।
- क्रेडिट सपोर्ट की आवश्यकता हो तो Yes या बाद में चुनें। राशि अधिकतम ₹1,00,000 तक दर्ज करें। ऋण उसी बैंक/शाखा से लेना हो तो “same as saving bank account” चुनें, अन्य बैंक/शाखा से लेने पर “other” चुनकर वह शाखा चुनें। ऋण का उद्देश्य, बकाया ऋण (यदि लागू), तथा कुल मासिक पारिवारिक आय दर्ज करें।
- बताएं कि कारीगर के पास UPI ID है या नहीं। यदि है तो UPI ID और उससे जुड़ा मोबाइल नंबर दर्ज करें।
- Skill Training और Tool Kit सेक्शन में दिए गए लाभों और जानकारी को ध्यान से पढ़ें और समझें।
- Marketing Support सेक्शन में उपलब्ध विपणन-संबंधी सहायता विकल्प चुनें।
- घोषणा और नियम व शर्तों को पढ़कर स्वीकार करें।
- सब कुछ भरने के बाद Submit पर क्लिक करें। सफल पंजीकरण के बाद एक Registration Number जनरेट होगा जिसे सुरक्षित रखें।
PM Vishwakarma Yojana के लिए eligible criteria
PM Vishwakarma Yojana (PMVY) भारत सरकार द्वारा पारंपरिक कारीगरों और हस्तशिल्प से जुड़े कामगारों को आर्थिक व तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए शुरू की गई एक महत्वपूर्ण योजना है। यह योजना कारीगरों को टूलकिट सहायता, कौशल प्रशिक्षण, डिजिटल इंसेंटिव, और कम ब्याज दर पर बिजनेस लोन उपलब्ध कराती है। PM Vishwakarma Yojana का Eligibility Criteria जानना हर आवेदक के लिए आवश्यक है ताकि आवेदन करते समय कोई त्रुटि न हो और आवेदन आसानी से स्वीकृत हो सके।
- आवेदक की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए।
- आवेदक किसी पारंपरिक हुनर जैसे बढ़ई, लोहार, सुनार, कुम्हार, दर्जी, मोची, नाई, राजमिस्त्री, बुनकर, प्लंबर, हस्तशिल्प कारीगर आदि से जुड़ा होना चाहिए।
- आवेदक स्वयं अपने हुनर के आधार पर स्वरोजगार (Self-Employment) कर रहा हो या करने की क्षमता रखता हो।
- आवेदक के परिवार में कोई भी सदस्य सरकारी नौकरी में न हो।
- आवेदक ने पहले किसी समान सरकारी योजना जैसे PMEGP, PM SVANidhi, या Mudra Loan का लाभ न लिया हो; यदि लिया है, तो योजना के अनुसार पात्रता शर्तें लागू होंगी।
- आवेदक के पास आधार कार्ड और आधार-लिंक्ड मोबाइल नंबर होना अनिवार्य है।
- आवेदक का बैंक खाता सक्रिय हो और उसमें DBT प्राप्त करने की सुविधा उपलब्ध हो।
- आवेदक भारत का नागरिक होना चाहिए और आवेदन उसी राज्य/जिले में करना चाहिए जहाँ वह वर्तमान में कार्य कर रहा है।
- आवेदक को आवश्यकतानुसार आधार बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण पूरा करना होगा।
- कारीगर को यह प्रमाणित करना होगा कि उसका पेशा पारंपरिक है और वह गुरु-शिष्य परंपरा या परिवारिक ज्ञान के आधार पर प्राप्त किया गया है।
PM Vishwakarma Yojana आवेदन के लिए केटेगरी
पीएम विश्वकर्मा योजना में कुल 18 पारंपरिक कारीगर ट्रेड शामिल किए गए हैं, जिनका चयन भारत की सांस्कृतिक विरासत, रोजगार संभावनाओं और कौशल परंपरा को ध्यान में रखते हुए किया गया है। नीचे सभी ट्रेड को उनके कार्य क्षेत्र (Categories) के अनुसार सूचीबद्ध किया गया है, ताकि कारीगर आसानी से जान सकें कि उनका पेशा योजना में पात्र है या नहीं।
1. Wood Based
- बढ़ई (Carpenter/Suthar): लकड़ी से फर्नीचर, खिड़की-दरवाजे और अन्य घरेलू वस्तुएँ बनाने वाले कारीगर इस श्रेणी में आते हैं। आधुनिक उपकरण मिलने से उनकी उत्पादकता और सूक्ष्मता दोनों बढ़ती हैं।
- नाव बनाने वाले कारीगर (Boat Maker): लकड़ी की नाव तैयार करने वाले कारीगर पारंपरिक तकनीक का उपयोग करते हैं। योजना के तहत उन्हें उच्च गुणवत्ता के औज़ार और प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।
2. Gold/Silver Based
- सुनार (Goldsmith/Sunar): आभूषण निर्माण और डिज़ाइन करने वाले कारीगर इस श्रेणी में आते हैं। बेहतर माप उपकरण और आधुनिक डिज़ाइन तकनीक से उनका काम और सटीक होता है।
3. Architecture / Construction
- राजमिस्त्री (Mason/Raajmistri): भवन निर्माण, ईंट-गारा कार्य और संरचना तैयार करने वाले कारीगर इस ट्रेड में आते हैं। योजना उन्हें मापन और निर्माण उपकरण उपलब्ध कराती है।
4. Clay Based
- कुम्हार (Potter/Kumhaar): मिट्टी के बर्तन, कलश, दीये और कलात्मक वस्तुएँ बनाने वाले कारीगर इस श्रेणी में शामिल हैं। इलेक्ट्रिक चाक और टूलकिट सहायता से उनका काम तेज और अधिक आकर्षक होता है।
5. Leather Based
- मोची (Cobbler/Charmakar): जूते-चप्पल बनाने और मरम्मत करने वाले कारीगर इस श्रेणी में आते हैं। विशेष टूलकिट से उन्हें अधिक मजबूती और बेहतर उत्पादन क्षमता मिलती है।
- जूता/फुटवियर निर्माता (Shoesmith/Footwear Artisan): नए फुटवियर उत्पाद तैयार करने वाले कारीगर आधुनिक डिजाइन, कटर और सिलाई उपकरणों की मदद से अपने काम को उन्नत करते हैं।
6. Iron/Metal/Stone Based
- शस्त्रकार (Armourer): धातु से हथियार या सुरक्षा उपकरण बनाने वाले परंपरागत कारीगर इस श्रेणी में आते हैं।
- लोहार (Blacksmith/Lohar): कृषि औज़ार, घर-परिवार में उपयोग होने वाले उपकरण और धातु निर्माण कार्य करने वाले लोहार योजना के प्रमुख लाभार्थी हैं।
- हैमर और टूल किट मेकर (Hammer & Tool Kit Maker): धातु के हथौड़े, कटर, स्पैनर आदि औज़ार तैयार करने वाले कारीगर इस ट्रेड में शामिल हैं।
- ताला बनाने वाले कारीगर (Locksmith): ताले और लॉकिंग सिस्टम बनाने वाले पारंपरिक कारीगर योजना से आधुनिक टूलकिट का लाभ प्राप्त करते हैं।
- मूर्तिकार (Sculptor – Moortikar, Stone Carver):पत्थर या धातु पर नक्काशी और मूर्तियाँ बनाने वाले कलाकार इस श्रेणी में शामिल हैं। उन्हें फाइन-कटिंग उपकरण और विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है।
- पत्थर तोड़ने वाले (Stone Breaker): निर्माण कार्य के लिए पत्थर काटने और तोड़ने वाले कारीगर भी इस श्रेणी में पात्र हैं। बेहतर सुरक्षा उपकरण और औज़ार उन्हें अधिक सुरक्षित कार्य वातावरण उपलब्ध कराते हैं।
नोट: इस श्रेणी में कांस्य, पीतल, तांबा, दीया, बर्तन, शोपीस और अन्य धातु आधारित उत्पादों का निर्माण भी शामिल है।
7. Others (Traditional & Misc Trades)
- टोकरी / चटाई / झाड़ू बनाने वाले (Basket/Mat/Broom Maker): प्राकृतिक सामग्री से घरेलू वस्तुएँ बनाने वाले कारीगर योजना से आधुनिक उपकरण और मार्केटिंग सहायता पाते हैं।
- रस्सी बनाने वाले / नारियल बुनकर (Coir Weaver): नारियल रेशा और प्राकृतिक फाइबर से रस्सी व चटाई बनाने वाले कारीगर इस श्रेणी में आते हैं।
- गुड़िया एवं खिलौना निर्माता (Doll & Toy Maker – Traditional): स्थानीय सामग्री से पारंपरिक खिलौने बनाने वाले कारीगरों को डिजाइन और पैकिंग प्रशिक्षण दिया जाता है।
- नाई (Barber/Naai): ग्रूमिंग और हेयर कटिंग सेवा प्रदान करने वाले कारीगर आधुनिक उपकरण और कौशल प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं।
- फूल माला बनाने वाले (Garland Maker – Malakaar): फूलों से मालाएँ और धार्मिक सजावट की वस्तुएँ तैयार करने वाले कारीगर भी योजना में पात्र हैं।
- धोबी (Washerman/Dhobi): कपड़े धोने, प्रेस करने व साफ-सफाई सेवाएँ देने वाले पारंपरिक कारीगर योजना के लाभार्थी हैं।
- दर्जी (Tailor/Darzi): परिधान निर्माण और सिलाई कार्य करने वाले कारीगरों को सिलाई मशीन और प्रशिक्षण सहायता दी जाती है।
- जाल बनाने वाले (Fishing Net Maker): मछली पकड़ने के जाल तैयार करने वाले कारीगर इस ट्रेड में शामिल हैं, जिससे वे उत्पादन क्षमता बढ़ा सकें।
अगर आप PM Vishwakarma Yojana (पीएम विश्वकर्मा योजना) में शामिल किये गए केटेगरी में आते हैं और इसमें बताये गए सभी नियमो का पालन करते हैं , तो आसानी के साथ PMVY में शामिल होकर इस योजना का लाभ ले सकते हैं।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (PMVY) हेल्पलाइन
अगर आपको आवेदन करने में किसी समस्या का सामना करना पड़ रहा है या फिर इस योजना से जुडी कोई अन्य जानकारी प्रपात करनी हो तो आप पीएम विश्वकर्मा योजना के टेक्निकल हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर सकते हैं या दिए गए ईमेल आईडी पर mail कर सकते हैं।
| सेवा | हेल्पलाइन नंबर | ईमेल |
|---|---|---|
| PMVY | टोल फ्री: 1800-26-7777 या 17923 | XXXXXXXXXXXX |
| CDM Of MSME | टोल फ्री: 011-23061574 | champions@gov.in |
पीएम विश्वकर्मा योजना 15000 क्या है?
पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत कारीगरों और पारंपरिक हुनर से जुड़े कामगारों को उनके काम में सुधार लाने के लिए एक टूलकिट सहायता दी जाती है। इसी सहायता में 15,000 रुपये का टूलकिट इंसेंटिव शामिल है, जिससे वे अपने काम के लिए आवश्यक औज़ार और उपकरण खरीद सकते हैं। यह राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में DBT के माध्यम से भेजी जाती है ताकि वे आधुनिक और बेहतर उपकरण प्राप्त कर सकें।
पीएम विश्वकर्मा का पैसा कब आता है?
पीएम विश्वकर्मा योजना का लाभार्थी सत्यापन और आधार-आधारित प्रमाणीकरण पूरा होने के बाद टूलकिट इंसेंटिव और अन्य सहायता की राशि जारी होती है। आमतौर पर आवेदन स्वीकृत होने के 15 से 45 दिनों के भीतर पहली किस्त या लाभ राशि बैंक खाते में आ जाती है। राशि आने की समयावधि राज्य, जिला और सत्यापन की गति पर भी निर्भर करती है।
पीएम विश्वकर्मा योजना में कौन-कौन सा सामान मिलता है?
योजना के तहत कारीगरों को उनके कार्य क्षेत्र के अनुसार आवश्यक टूलकिट और उपकरण उपलब्ध कराए जाते हैं। इसमें बढ़ईगीरी, लोहार, सुनार, दर्जी, नाई, कुम्हार, हथकरघा, मोची, राजमिस्त्री, प्लंबर, माली, मूर्तिकार, बुनकर, मोटर मैकेनिक आदि से जुड़े औज़ार शामिल हो सकते हैं। टूलकिट की सूची कारीगर के पेशे के अनुसार बदलती है और इसका उद्देश्य उनके हुनर को आधुनिक तकनीक से अपडेट करना है।
पीएम विश्वकर्मा योजना से क्या फायदा है?
यह योजना कारीगरों को आर्थिक सहायता, आधुनिक टूलकिट, कौशल प्रशिक्षण, डिजिटल लेनदेन प्रोत्साहन, और सस्ती ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराती है। इससे कारीगर अपने काम को उन्नत कर सकते हैं, ग्राहक बढ़ा सकते हैं और अपनी आय में सुधार कर सकते हैं। साथ ही, 5% ब्याज दर पर लोन सुविधा उनके व्यवसाय को विस्तार देने में बहुत मददगार होती है।
पीएम विश्वकर्मा योजना का लोन कितना मिलता है?
इस योजना के तहत कारीगरों को दो चरणों में व्यवसायिक ऋण दिया जाता है। पहले चरण में 1 लाख रुपये तक का लोन 5% ब्याज दर पर मिलता है, और कार्य प्रदर्शन अच्छा होने पर दूसरे चरण में 2 लाख रुपये तक का अतिरिक्त लोन दिया जा सकता है। यह लोन पूरी तरह बिना गारंटी (Collateral-Free) होता है।
पीएम विश्वकर्मा योजना में कौन फॉर्म भर सकता है?
इस योजना का फॉर्म वही व्यक्ति भर सकता है जो पारंपरिक हुनर (जैसे बढ़ई, सुनार, लोहार, दर्जी, कुम्हार, नाई, प्लंबर, मोची, राजमिस्त्री, हथकरघा कारीगर आदि) के आधार पर स्वयं-रोजगार से जुड़ा हुआ हो। आवेदक की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए और उसके परिवार में कोई सरकारी कर्मचारी नहीं होना चाहिए। साथ ही, आवेदक ने किसी अन्य समान सरकारी योजना से पहले लाभ या ऋण न लिया हो, या यदि लिया है तो वह पात्रता शर्तों के अनुसार होना चाहिए।